Saturday, November 17, 2007


सत्येन्द्र प्रताप

हर देश में सरकारें, शिक्षा को बेचने की तैयारी में हैं । छात्र इसका विरोध करने में लगे हैं। हाल ही में यूनान के छात्र-छात्राओं ने सरकार के विश्वविद्यालयों के निजीकरण के फैसले के खिलाफ झंडा बुलंद करते हुए अनोखा विरोध किया था, जिसमें एक पूंजीपति को सिगरेट पीते, छात्रों को कंटीले तार में बांधकर ले जाते दिखाया गया था। अब फ्रांस में भी छात्रों ने इसके खिलाफ आवाज उठाई है। फ्रांस की सरकार ने एक कानून बनाया है जिसके तहत वहां के विश्वविद्यालयों को निजी व्यवसाय के निकट लाने की बात कही गई है। १५ नवंबर को छात्र-छात्राओं को देश के सभी ८५ विश्वविद्यालयों में विरोध प्रदर्शन किया। ३१ विश्वविद्यालय पूरी तरह से बंद रहे। छात्रों के इस संघर्ष को वैश्विक स्तर पर समर्थन की जरूरत है जिससे शिक्षा के बाजारीकरण को रोका जा सके। शिक्षा के क्षेत्र में भारत सरकार भी निवेश करती है, लेकिन यहां भी इसमें धीरे-धीरे जहर घोले जाने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। यहां पर सीधे तौर पर तो कोई फैसला नहीं आया है, लेकिन सरकारी विद्यालयों में शिक्षा का स्तर गिराकर आम लोगों को निजी शिक्षण संस्थानों की ओर ढ़केला जा रहा है।

No comments: