Friday, May 16, 2008

विदेशी आईफोन के देसी जादू के लिए रहिए तैयार


सत्यव्रत मिश्र


एप्पल के आईफोन की चर्चा आज कल अपने मुल्क में भी खूब चल रही है। उम्मीद है कि इसके दीवाने इस बार उसे अपने हाथों में थामे ही दीवाली मनाएंगे।
वैसे ऐसा पहली बार नहीं है, जब इस फोन को लेकर इतना हंगामा हो रहा हो। अमेरिका में पिछले साल जब इसके आने की बात चली थी, तब तो इसका लोग-बाग पागल हो गए थे। उन्होंने कई-कई रातें इसे खरीदने के लिए दुकानों के बाहर बिताई थीं।
मशहूर अमेरिकी मैगजीन 'टाइम' ने इसे इनोवेशन ऑफ द ईयर के खिताब से नवाजा था। लेकिन इसमें ऐसा क्या है, जिसकी वजह है से लोगों पर इसका जादू सिर चढ़ कर बोल रहा है? आखिर है तो यह एक फोन ही। अगर आप भी ऐसा सोच रहे हैं, तो हुजूर आप गलत हैं। अपने दीवानों के लिए यह केवल एक फोन से कहीं बढ़कर है।



कैसे हुई शुरुआत?
आईपॉड की जबर्दस्त कामयाबी के बाद एप्पल द्वारा इसी तरह के फोन को लॉन्च किए जाने की चर्चा तो काफी पहले से चल रही थी, लेकिन काफी दिनों तक कंपनी के बड़े अधिकारियों ने इस मुद्दे पर अपनी जुबान बंद रखी थी।
इसके बारे में पहली बार संकेत 2003 में तब मिले थे, जब एक समारोह में कंपनी के सीईओ स्टीव जॉब्स ने एप्पल का नया पीडीए लॉन्च करने से मना कर दिया। उनका कहना था कि, 'एप्पल पीडीए या टैब्लेट कंप्यूटरों के मार्केट में अपना पैर पसारने को ज्यादा उत्सुक नहीं है। हमें लगता है आने वाले कल में मोबाइल फोन ही कहीं से कोई भी जानकारी जुटाने के लिए अहम मशीनरी के रूप में सामने आएंगे।
वैसे, इस वक्त तो हम आईपॉड और आईटयूंस को ही मजबूत बनाने के लिए काम कर रहे हैं।' फिर सिंतबर, 2005 में मोटोरोला अपना रॉकर ई1 वन मोबाइल फोन लेकर सामने आई, जो आईटयूंस सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल करने वाला पहला फोन था।
वैसे जॉब्स उस फोन से खुश नहीं थे क्योंकि मोटोरोला ने रॉकर को उस तरह से डिजाइन नहीं किया था, जिस तरह जॉब्स चाहते थे। इसलिए तो सिंतबर 2006 में एप्पल ने रॉकर के लिए सॉफ्टवेयर सपोर्ट देना बंद कर दिया। फिर आया 9 जनवरी, 2007 का वह दिन जब जॉब्स ने मैकवर्ल्ड कनवेंशन में आईफोन को उतारने का ऐलान किया।



जबर्दस्त रिस्पॉन्स
जैसे ही जॉब्स ने इस फोन की घोषणा की थी, लोगों की तो जैसे मन चाही मुराद पूरी हो गई। अमेरिका में तो जैसे तरफ यही चर्चा थी कि आईफोन ऐसा होगा, आईफोन वैसा होगा। इसकी पहली झलक लोगों को देखने को मिली पिछले साल के ऑस्कर पुरस्कार समारोह की लाइव कवरेज के दौरान।
तीन जून, 2007 को एप्पल ने इसे 29 जून को लॉन्च करने की घोषणा की। फिर तो वहां के अखबारों में इसी चर्चा खूब जोर-शोर से होने लगी। जैसे-जैसे यह तारीख करीब आती गई, लोगों के बीच इसका क्रेज भी परवान चढ़ता गया। तब 4जीबी वाले फोन की कीमत 499 डॉलर (करीब 20 हजार रुपये) तय की गई थी, जबकि 8 जीबी वाले फोन की कीमत रखी गई थी 599 डॉलर (करीब 24 हजार रुपये)।
इसे लेने के लिए तो लोगों ने दो-दो रातें तक दुकानों के बाहर सड़क पर बिताईं थीं। एप्पल ने तो कंपनी में एक साल तक काम कर चुके लोगों को यह फोन मुफ्त में दिया था। अमेरिकी अखबारों की मानें तो केवल तीन दिनों में ही ढाई से सात लाख आईफोन बिक चुके थे।



कमाल की हैं खूबियां
इस फोन में तो अनोखे फीचर्स का जैसे अंबार लगा हुआ है। सबसे प्यारा तो इसका डिजाइन है। इस फोन को देखते ही इसे अपनी हाथों में उठा लेने का दिल करता है। इस क्यूट से फोन में आपको मिलेगा 3.5 इंच का एलसीडी कलर डिस्प्ले, वो भी टचस्क्रीन के साथ। यानी अब आपको फोन के बटनों के साथ कुश्ती नहीं लड़नी पड़ेगी।
बस एक छूअन भर से आप अपने फोन को कंट्रोल कर पाएंगे। इस स्क्रीन में एक और कमाल की चीज है, लैंडस्केप ऑरिएंटेशन। इसके जरिये आपका फोन जिस भी कोण में रखा हो, वहां से स्क्रीन सीधा ही नजर आएगा। इस फोन से आप मजे ले पाएंगे दुनिया को दीवाना कर देने वाले आईपॉड का भी। यह फोन अपने आप ही आपके फेवरेट म्यूजिक को अलग-अलग कैटेगरी जैसे सॉन्ग्स, ऑर्टिस्ट, एल्बम और जॉनर्स में बांटकर आपके लिए अच्छी-खासी मीडिया लाइब्रेरी तैयार कर सकता है।
अगर आपको एक गाने से दूसरे पर जाना है, तो आपको ज्यादा मेहनत भी नहीं करनी पड़ेगी। बस हल्के से स्क्रीन के एक खास हिस्से को टच करिए और आप दूसरे गाने को सुन रहे होगें। इसके साथ एक और मजे की बात यह है कि यह फोन गैपलेस प्लेबैक तकनीक का इस्तेमाल करता है। इसका मतलब यह कि अगर एक गाना खत्म हो गया तो दूसरा तुरंत ही बजने लगेगा। यानी एक से दूसरे गाने के लिए आपको जरा सा भी इंतजार नहीं करना पडेग़ा।
इसका इस्तेमाल कर चुके लोगों की मानें तो इसकी आवाज कमाल की है। इसके अलावा, आप चाहें तो इसके दो मेगापिक्सल कैमरा की मदद से खूबसूरत तस्वीरें भी खिंच सकते हैं। फिर अपने दोस्तों को वह तस्वीर भेजने के लिए आप ब्लूटूथ या वाई-फाई का इस्तेमाल कर सकते हैं।
आप चाहें तो इस फोन में आईटयूंस स्टोर से अपने मनपसंद गाने भी खरीद सकते हैं। इस फोन के जरिये आप यूटयूब के मजेदार विडियोज का भी खूब मजा उठा सकते हैं। इसका सफारी वेब ब्राउजर भी कमाल का है। इसमें अगर आपको वेबसाइट का टेस्ट छोटे नजर आएंगे, तो आपको जरूरत होगी सिर्फ स्क्रीन पर दो बार हल्के से छूने की। वहां खुद ब खुद जूम हो जाएगा।



बड़ी खामियां
खूबियां तो इस फोन में कई हैं, लेकिन इसमें कुछ ऐसी खामियां भी हैं जिसे अनदेखा करना नामुमकिन है। इन्हीं खामियां की वजह से तो आलोचक आईफोन की कड़ी आलोचना करते हैं। इसकी सबसे बडी खामी तो यह है कि जिस कंपनी से आप यह फोन खरीदेंगे, उसके सिम के अलावा किसी और कंपनी का सिम इसमें काम ही नहीं करेगा।
इसका सिम लॉक खुलवाने के लिए आपको मोटी रकम चुकानी पड़ सकती है। इसकी बड़ी खामियों में से एक तो इसका काफी वजनी होना है। इसका वजह करीब 135 ग्राम है, जो आज मोबाइल फोनों को देखते हुए काफी ज्यादा है। साथ ही, इसमें कैमरे के साथ फ्लैश भी नहीं है। यानी तस्वीरें लेने के लिए आपको काफी रोशनी की जरूरत पडेग़ी। आईफोन के कैमरे में रोशनी की कमी की वजह से तस्वीरें काफी खराब आती हैं। इसकी बड़ी खामियों में एक यह भी है कि इसके जरिये आप विडियो नहीं रिकॉड कर पाएंगे। कहने को तो इसकी बैटरी आठ घंटों का टॉक टाइम देती है, लेकिन इसका इस्तेमाल कर रहे लोगों की मानें तो यह ज्यादा देर तक नहीं चलती। एक और बड़ी खामी इसके एसएमएस मेन्यु के साथ है।
आप इस फोन में एसएमएसों को अपने अजीजों को फॉरवर्ड नहीं कर पाएंगे। इसमें आप आईपॉड का मजा तो उठा सकते हैं, लेकिन इसके जरिये आप एफएम का लुत्फ नहीं उठा पाएंगे। इसमें रेडियो है ही नहीं। इसमें आप केवल बोलकर किसी का नंबर डाइल करने की सुविधा यानी वॉयस डाइलिंग सेवा का भी इस्तेमाल नहीं कर पाएंगे।
इसकी स्क्रीन है तो काफी जबर्दस्त पर इस पर स्क्रैच भी काफी जल्दी लगाता है। साथ ही, इसमें ब्लूटूथ तो है, लेकिन इसके जरिये गानों के स्टीरियोफोनिक साउंड का लुत्फ नहीं उठा पाएंगे। यह फोन तो 3जी टेक्नोलॉजी से भी लैस नहीं है। इसकी बड़ी खामी इसका काफी महंगा होना भी है।



भारत पर भी चला जादू
अब तो अपने देश पर भी आईफोन का जादू सिर चढ़ कर बोल रहा है। अब तक तो आईफोन अपने देश में ब्लैकमार्केट में ही मिला करते थे। लेकिन इस महीने की शुरुआत में वोडाफोन ने यह कहकर सनसनी मचा दी कि वह इसे भारत में लॉन्च करने के बारे में सोच रही है।
कुछ ही दिनों में यह बात भी साफ हो गई वोडाफोन इसे साल के अंत में दीवाली तक भारतीय बाजार में लॉन्च करने वाली है। कंपनी के सूत्रों के मुताबिक वह इसकी कीमत 24 से 27 हजार रुपये के बीच रख सकती है। वैसे, वह इकलौती कंपनी नहीं है, जो आईफोन को लॉन्च करने की कोशिश कर रही है। एयरटेल ने भी घोषणा की है कि वह भी आईफोन उतारने वाली है।



क्या है एप्पल के इस फोन में


खूबी
3.5 इंच की एलसीडी टच स्क्रीन, जबर्दस्त आवाज, आईपॉड, मन मोह लेने वाला डिजाइन, लैंडस्केप ऑरियंटेशन, गैपलेस प्लेबैक, दो मेगापिक्सल कैमरा, यूटयूब, सफारी वेब ब्राउजर, ब्लूटूथ और वाई-फाई, वेबपेज पर जूम
खामी
नहीं चलेगा किसी और कंपनी का सिम, नहीं है एफएम रेडियो, कम चलती है बैटरी, विडियो रिकॉर्डिंग नहीं, एसएमएस फॉरवर्ड की कमी, काफी भारी, नहीं है फ्लैश, नहीं है 3जी तकनीक, काफी महंगा, जल्दी लगते हैं स्क्रैच, नहीं है वॉयस


साभारः http://www.bshindi.com/

3 comments:

PD said...

bahut badhiya vishleshan..
main nahi kharidhoonga.. isase jyada khoobi to N-95 me mujhe dikh raha hai..

Udan Tashtari said...

अच्छी जानकारी दी है.

rg said...

आपके ब्लॉग पर ईमेल एड्रेस मिला नहीं इसलिए कमेन्ट कर रहा हूँ हालाँकि ब्लॉग एंट्री से सम्बंधित नहीं है.

इन्टरनेट पर हिन्दी के ब्लॉग सर्च कर रहा था और आपका ब्लॉग दिखाई दिया.

देखा की आप टेक्नो-ट्रेंड पर भी लिखते हैं और सोचा की आप को ईमेल करा जाए.

मैं एक मोबाइल SMS कंपनी चलता हूँ - नाम है www.vakow.com - यहाँ पर लोग SMS पर ब्लॉग्गिंग करते हैं और दोस्तों के साथ SMS शेयर करते हैं. हमने कल ही unicode support करना शुरू करा है और अब हमारे users किसी भी भाषा मैं SMS पोस्ट और शेयर कर सकते हैं. मोबाइल पर SMS अभी नहीं जाते हैं (जल्द ही शुरू होंगे) पर अभी ईमेल, orkut और facebook पर शेयर कर सकते हैं.

हमने देखा है की किस तरह से हिन्दी ने इन्टरनेट को (और इन्टरनेट ने हिन्दी को) बढ़ावा दिया है. हिन्दी (और दूसरी भाषाओं) का असर मोबाइल/SMS पर क्या होगा, देखना बाकी है.

इस बारे मैं हमारी ब्लॉग एंट्री पढ़ सकते हैं:
http://blog.vakow.com/2008/07/27/post-and-share-in-hindi-हिन्दी-tamil-தமிழ்-telugu-తెలుగు/

आपके सुझाव बेहद ज़रूरी है. आप उन्हें भेज सकते है यहाँ: support@vakow.com

धन्यवाद,
राहुल गुप्ता

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