Monday, January 5, 2009

धैर्य के कप में लीजिए मुनाफे का 'सिप'

मनीश कुमार मिश्र

साल 2008 इक्विटी फंडों के निवेशकों के लिए निराशाजनक रहा है। एक साल में फंडों से मिलने वाला रिटर्न ऋणात्मक ही रहा है, चाहे निवेश एकमुश्त तौर पर किया गया हो या योजनाबध्द निवेश (सिप) के रूप में।


अब सवाल यह है कि साल 2009 निवेशकों के लिए कैसा रहेगा? क्या 2008 उनके घाटे की भरपाई हो पाएगी? आइए, विभिन्न विशेषज्ञों से जानने की कोशिश करते हैं।


टॉरस म्युचुअल फंड के प्रबंध निदेशक आर. के. गुप्ता कहते हैं- साल 2008 की शुरुआत से ही बाजार में गिरावट का दौर रहा है। इक्विटी में निवेश करने वाले निवेशकों को नुकसान हुआ है लेकिन साल 2009 प्रतिफल की दृष्टि से आशाजनक है।'


कैसे? इसके जवाब में वित्तीय योजनाकार विश्राम मोदक ने कहा-अगर निवेश किसी वित्तीय लक्ष्य को ध्यान में रखते हुए किया जाए तो घाटे की संभावना कम होती है क्योंकि निवेशक अपनी जोखिम उठाने की क्षमता के अनुसार विभिन्न रूपों से निवेश करता है।


योजनाबध्द निवेश योजनाएं निवेश का अनुशासित तरीका हैं लेकिन इक्विटी फंडों में निवेश कर तीन साल के बाद पैसे निकालने की बात नहीं सोचनी चाहिए।


इक्विटी या इक्विटी फंडों में सिप के माध्यम से कम से कम सात वर्षों के लिए निवेश किया जाना चाहिए वह भी किसी वित्तीय लक्ष्य को ध्यान में रखते हुए विभिन्न फंडों में निवेश करते हुए।


ऐसे में निवेशकों को बेहतर रिटर्न मिल सकता है। वैसे उनका मानना है कि साल 2009 में बाजार की स्थिति में सुधार होगा होगा। फलस्वरूप, सिप के माध्यम से निवेश करने वाले नए और पुराने, दोनों निवेशकों को लाभ होगा।


गुप्ता ने भी इस पर मुहर लगाते हुए कहा - साल के पहले तीन महीनों में बाजार स्थिर रहेगा। साल 2009 के शुरुआती तीन महीनों में बाजार में स्थिरता रहेगी। लोकसभा चुनाव के आस पास बाजार में उतार-चढ़ाव रहेगा।


लेकिन हमारा अनुमान है कि साल की समाप्ति अच्छी रहेगी। इक्विटी फंडों में सिप के माध्यम से निवेश करने का यह समय उचित है। अगला साल निवेशकों की खुशियां वापस लौटा सकता है।


वैल्यू रिसर्च के मुख्य कार्यकारी अधिकारी धीरेन्द्र कुमार ने कहा, 'वित्तीय लक्ष्य निर्धारित करने के बाद दीर्घावधि के लिए विभिन्न इक्विटी फंडों में सिप के माध्यम से नियमित तौर पर निवेश करना चाहिए।


बाजार के उतार-चढ़ाव का प्रभाव अल्पावधि के निवेश पर पड़ता है। दीर्घावधि (सात साल से अधिक की अवधि) के लिहाज से इक्विटी फंड बेहतर रिटर्न देते हैं। साल 2008 निवेशकों के लिए अच्छा नहीं रहा लेकिन उम्मीद है कि अगले साल वे कुछ बेहतर लाभ अर्जित कर पाएंगे।

साभार: http://hindi.business-standard.com/hin/storypage.php?autono=12068

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