tag:blogger.com,1999:blog-3124261744486772692.post1111494499582049601..comments2023-06-19T02:39:24.462-07:00Comments on जिंदगी के रंग: गंगा तू चली कहांSatyendra PShttp://www.blogger.com/profile/06700215658741890531noreply@blogger.comBlogger1125tag:blogger.com,1999:blog-3124261744486772692.post-42971021288408278892007-12-09T00:52:00.000-08:002007-12-09T00:52:00.000-08:00ध्यानी जी आपने तो बहुत ही गंभीर मुद्दे को छेड़ा है...ध्यानी जी आपने तो बहुत ही गंभीर मुद्दे को छेड़ा है। गंगा हमारी मां की तरह है। हमने अगर अपनी मां का सम्मान नहीं सीखा तो कुछ नहीं सीखा। इस तरह के सामाजिक मुद्दे को उठाने के लिए आपको बधाइयां। आप अपने लेखन को जारी रखें। मैं काफी प्रभावित हुआ।Premhttps://www.blogger.com/profile/18417780912926590320noreply@blogger.com