tag:blogger.com,1999:blog-3124261744486772692.post1541283579596367926..comments2023-06-19T02:39:24.462-07:00Comments on जिंदगी के रंग: आदमी की पूंछ और पूंछ हिलाने की आदतSatyendra PShttp://www.blogger.com/profile/06700215658741890531noreply@blogger.comBlogger2125tag:blogger.com,1999:blog-3124261744486772692.post-20875565236288031092009-10-13T03:20:24.317-07:002009-10-13T03:20:24.317-07:00भाई काम और मेहनत तो सभी करते हैं, लेकिन उसी के काम...भाई काम और मेहनत तो सभी करते हैं, लेकिन उसी के काम को तरजीह मिलती है, जो पूंछ हिलाने का काम भी उतनी ही शिद्दत से करे। इसे समझने के लिए व्यावहारिक अनुभव जरूरी है। जहां तक मेहनत की बात है, पूंछ हिलाना बहुत कठिन काम है, ऐसे में जबकि आपसे भगवान ने पूंछ छीन ली हो।satyendrahttps://www.blogger.com/profile/12893714424891990810noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3124261744486772692.post-9818248084997828842009-10-13T03:07:38.231-07:002009-10-13T03:07:38.231-07:00शायद कुछ जगह ही पुछ हिलाने से काम चलता है बाकी जगह...शायद कुछ जगह ही पुछ हिलाने से काम चलता है बाकी जगह मेहनत चाहिए पूछ हिलाने वाला नहींMishra Pankajhttps://www.blogger.com/profile/02489400087086893339noreply@blogger.com