tag:blogger.com,1999:blog-3124261744486772692.post3467745453741660209..comments2023-06-19T02:39:24.462-07:00Comments on जिंदगी के रंग: एक साथ कई काम? कहीं आप बीमार तो नहीं?Satyendra PShttp://www.blogger.com/profile/06700215658741890531noreply@blogger.comBlogger8125tag:blogger.com,1999:blog-3124261744486772692.post-55739044909026102172010-10-14T23:47:03.913-07:002010-10-14T23:47:03.913-07:00I am suffering from hurry sickness,
thank you for...I am suffering from hurry sickness,<br /><br />thank you for eye opening.Brrijeshhttps://www.blogger.com/profile/18242897270434840622noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3124261744486772692.post-14572078385321611772010-06-20T03:23:50.146-07:002010-06-20T03:23:50.146-07:00लगता तो नहीं है कि कोई भी व्यक्ति ० अंक पर आ जाए। ...लगता तो नहीं है कि कोई भी व्यक्ति ० अंक पर आ जाए। स्वाभाविक रूप से नौकरी को लेकर भय के साथ तमाम तनाव होते हैं। थोड़ा बहुत तो यह लक्षण होता ही है, जो स्वाभाविक है और उसे लेकर कोई चिंता भी नहीं करता। लेकिन यह बीमारी का रूप तब लेता है, जब आदमी खुद को एक कर्मचारी न समझकर सुपरमैन समझने का भ्रम पालने लगता है और सोचता है कि उसके अलावा सभी बेवकूफ हैं और संस्थान वही चला रहा है। ऐसी सोच वाले ज्यादातर लोग अंदर से डरे होते हैं कि उनका कोई सबऑर्डिनेट कहीं उसे सुपरसीड न कर जाए।Satyendra PShttps://www.blogger.com/profile/06700215658741890531noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3124261744486772692.post-75302837221999314792010-06-19T15:12:14.760-07:002010-06-19T15:12:14.760-07:00आंख खोलती पोस्ट। भई मेरा दो नंबर है। पर तीन होने क...आंख खोलती पोस्ट। भई मेरा दो नंबर है। पर तीन होने की स्थिती थी। अच्छा हुआ पढ़ लिया। जल्दी ही एक पर आ जाउंगा। अगर जीरो हो जाए स्कोर तो क्या आलसी तो नहीं कहलाउंगा। जरा इस पर रोशनी डालें।Rohit Singhhttps://www.blogger.com/profile/09347426837251710317noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3124261744486772692.post-48194308893773712692010-06-18T21:00:14.316-07:002010-06-18T21:00:14.316-07:00बहुत उपयोगी जानकारी है धन्यवाद्बहुत उपयोगी जानकारी है धन्यवाद्निर्मला कपिलाhttps://www.blogger.com/profile/11155122415530356473noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3124261744486772692.post-30959441790079206622010-06-18T11:52:43.025-07:002010-06-18T11:52:43.025-07:00और जिसके एक भी पाइण्ट ना हो तो? बहुत ही मनोवैज्ञा...और जिसके एक भी पाइण्ट ना हो तो? बहुत ही मनोवैज्ञानिक पूर्ण दृष्टिकोण। जल्दीबाजी करने वाले लोग वास्तव में काम कम और दिखावा अधिक करते हैं। बढिया पोस्ट।अजित गुप्ता का कोनाhttps://www.blogger.com/profile/02729879703297154634noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3124261744486772692.post-89980376905655459612010-06-18T08:12:58.232-07:002010-06-18T08:12:58.232-07:00यदि हमको ज्ञात हो कि जीवन को कब गति देना है और कब ...यदि हमको ज्ञात हो कि जीवन को कब गति देना है और कब स्थिरता, तभी यह कहा जा सकता है कि हमारा जीवन पर अधिकार है ।प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3124261744486772692.post-67002145831593399912010-06-18T08:11:08.415-07:002010-06-18T08:11:08.415-07:00This comment has been removed by the author.प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3124261744486772692.post-32254057535109096832010-06-18T03:59:32.481-07:002010-06-18T03:59:32.481-07:00बहुत उपयोगी चेतावनी ! मुझे भी अपने उपर शंका हो रही...बहुत उपयोगी चेतावनी ! मुझे भी अपने उपर शंका हो रही है। आपने सही समय पर चेताया है।अनुनाद सिंहhttps://www.blogger.com/profile/05634421007709892634noreply@blogger.com