मनीश कुमार मिश्र
मेरे मित्र गोपाल ठाकुर को बोनस का बेसब्री से इंतजार रहता है। प्रत्येक वर्ष एकमुश्त मिलने वाली इस राशि से वह या तो जरूरत की कोई वस्तु खरीदते हैं या उतने पैसों को सावधि जमा में निवेश कर डालते हैं। पिछले वर्ष उन्होंने बोनस के पैसे 3 वर्षो की सावधि जमा में लगा दिए थे।
कुछ लोगों का सोचना इसके ठीक विपरीत होता है। पैसे हैं तो खर्च करो, यही उनका नारा होता है। यह मायने नहीं रखता कि पैसे का स्रोत क्या है, यह मेहनत की कमाई है या किसी निवेश से प्राप्त होने वाला लाभ, पैसे तो पैसे हैं इसका अपना महत्व है। इसे लापरवाही से खर्च करना बुद्धिमानी नहीं कही जा सकती है।
कैसे करें इनका प्रबंधनपिछले वर्ष राहुल ने दिवाली से पहले लॉटरी की टिकट खरीदी थी, किस्मत अच्छी थी उसकी। दिवाली की रात के बंपर ड्रा में उसे 1.5 लाख रुपए मिले। राहुल के लिए यही बोनस था। उसने सोचा कि अभी किस्मत अच्छी है तो क्यों न इन पैसों को शेयर में लगा दिया जाए? बिना मेहनत के प्राप्त होने वाले पैसों से जैसे उसे कोई मोह ही नहीं था। उसके पिता ने समझाया भी कि ‘चलो तुम्हारी मर्जी है तो शेयर में 50000 रुपए का निवेश कर डालो और शेष बचे एक लाख रुपए सुरक्षित विकल्पों जैसे राष्ट्रीय बचत प्रमाण पत्र, सावधि जमा, पीपीएफ आदि में लगा दो।’ राहुल के पिताजी की सलाह उचित भी थी लेकिन उनकी बात न मानते हुए उसने 75000 रुपए शेयर में लगा ही दिए।
इस प्रकार मिलने वाली एकमुश्त राशि का उपयोग ऋण चुकाने में भी किया जा सकता है। इससे आपको मानसिक शांति तो मिलेगी ही साथ ही ब्याज के रुप में दिए जाने वाले पैसे भी आप बचा सकेंगे। सर्वप्रथम वैसे ऋण को चुकता करने के बारे में सोचें जिसकी ब्याज दर अधिक है।
पर्सनल लोन सबसे अधिक खर्चीले होते हैं और इनके ब्याज दर भी प्राय: 15-30 प्रतिशत वार्षिक के होते हैं। प्रति महीने अपनी मेहनत की कमाई से इनके ब्याज चुकाते रहने से कहीं बेहतर है कि इसका पूर्ण भुगतान कर दिया जाए। मासिक किश्तों के जाने पर विराम लगने के बाद, विश्वास कीजिए, आपके वेतन में बड़क्कत भी होगी। पर्सनल लोन के बाद बारी आती है ऑटो लोन की। अगर पर्सनल लोन चुकाने के बाद पर्याप्त पैसे बच रहे हों तो इनका निपटान भी कर डालें। शिक्षा ऋण और आवास ऋण पर आयकर वाले लाभ प्राप्त होते हैं इसलिए इन्हें चुकाने के बारे में सबसे अंत में सोचना चाहिए। चलिए मान लेते हैं आपने ऐसा कोई लोन नहीं लिया हुआ है। लेकिन संभव है कि आपने अपने दोस्त या रिश्तेदार से कभी ऋण लिया हो। हालांकि इस प्रकार के उधार ब्याज रहित होते हैं लेकिन नैतिक तौर पर उचित यही है कि इन्हें चुका कर आप उनका धन्यवाद ज्ञापन करें। क्या अब भी आपके कुछ पैसे बच रहे हैं?
खर्च करने से पहले जरा रुकिए। याद कीजिए कि कहीं किसी खास मकसद से आपने बचत की शुरुआत तो नहीं की थी? कहीं ऐसा तो नहीं कि आप घर खरीदना चाहते हों और उसके डाउनपेमेंट के लिए पैसे जुटा रहे हों?
निकट भविष्य में परिवार में किसी की शादी के लिए तो बचत नहीं कर रहे आप? इन सब उद्देश्यों की पूर्ति के लिए भी आप इन पैसों का सदुपयोग कर सकते हैं। उपरोक्त व्यवस्था करने के बाद आप अपनी चाहतों को तरजीह दे सकते हैं। अगर लैपटॉप या होम थिएटर खरीदने का मन कर रहा हो तो अब आप खुद को मत रोकिए क्योंकि आपने पहले ही बाकि चीजों की व्यवस्था कर ली है।
http://www.bhaskar.com/2007/10/13/0710140008_bonus.html
1 comment:
उपयोगी एवं व्यावहारिक सूचना !
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