टाइम्स आफ इंडिया में बहुत बढ़िया कार्टून आया है। २जी, आदर्श घोटाला, सतर्कता आयोग, प्याज की कीमतों की हड्िडयां कांग्रेस ने बिखेर दी है औऱ विपक्ष कुत्ते के रूप में दिखाया गया है। कुत्ता यूं ही भाग रहा है पागल होकर। उसे समझ में ही नहीं आ रहा है कि कौन सी हड्डी उठा लें।
बहुत बेहतरीन परिकल्पना है। सही है कि मुख्य विपक्ष भारतीय जनता पार्टी में कोई नेता नहीं है। जिस उत्तर प्रदेश ने भाजपा को केंद्र की गद्दी पर पहुंचाया, उस प्रदेश में ही नेतृत्व का संकट। मध्य प्रदेश से नेता का आयात किया जा रहा है उत्तर प्रदेश को चलाने के लिए। उस पर भी उत्तर प्रदेश के धुरंधर भाजपाई डरे हैं कि कहीं वह महिला आकर यूपी में भी न जगह बना ले। राजनाथ सिंह, कलराज मिश्र, लालजी टंडन, मुरली मनोहर जोशी- संघ के सनातन धर्मी हिंदू ढांचे में यही नेता नजर आते हैं। अगर इनसे एक रैली करने को कह दिया जाए तो शायद ही इनमें से कोई दो हजार की भीड़ जुटा पाए। संसद में राज्यसभा औऱ लोक सभा में विपक्ष के नेता हवा-हवाई लोग हैं। ये जनाधार वाले नेताओं का नाश तो कर सकते हैं, खुद दिल्ली की किसी लोकसभा सीट से चुनाव लड़ने की हिम्मत नहीं जुटा पाते। शायद डर जाते हैं कि बड़े नेता हैं, जमानत जब्त हो गई तो मुंह कैसे दिखाएंगे।
हां, चुनावी मसलों की हड्डी के बजाय अगर कांग्रेस इन नेताओं के सामने मंत्री पद की हड्डी फैला देती तो शायद एक-एक हड्डी के लिए भाजपा से ४-४ नेता निकल आते और अपनी पार्टी को तत्काल नमस्ते कर लेते।
1 comment:
यही राजनैतिक जिन्दगी के रंग हैं।
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