Monday, January 17, 2011

भ्रष्टाचार की बीमारी का शिकार हुआ छात्र

मामला छोटा सा है। १०वीं के एक छात्र ने आत्महत्या कर ली है। शायद राष्ट्रीय खबर न बने। शायद यह देश के लोगों तक न पहुंचे। पठनीय भी नहीं है। खासकर ग्रामीण इलाकों में ऐसा होना आम है, हां इस घटना में आत्महत्या जुड़ जाना नई बात है। पुलिस द्वारा उठा लिया जाना, रिश्वत लेकर छोड़ दिया जाना व्यापक बीमारी है।
कानपुर के पड़ोसी जिले रमाबाईनगर के डेरापुर के बिहारी गांव में पुलिस की कथित पिटाई से क्षुब्ध होकर हाईस्कूल के एक छात्र ने आत्महत्या कर ली, इस घटना के बाद जनता के गुस्से को देखते हुए पुलिस प्रशासन ने विहाराघाट चौकी इंचार्ज और दो सिपाहियों को सस्पेंड कर दिया है तथा उनके खिलाफ एफआईआर भी दर्ज करा दी गई है।लोगों के गुस्से को देखते हुए इलाके में अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किए गए हैं।
डेरापुर इलाके के विहारी गांव के पास एक ढाबे से 13 जनवरी की रात एक नलकूप चोरी हो गया। ढाबे के मालिक सुरेश फौजी की शिकायत पर पुलिस चौकी इंचार्ज ने 14 जनवरी की रात को गांव के चार लड़कों को उठा लिया और उनसे पूछताछ की। इन चार लड़कों में से एक हाईस्कूल के छात्र विजय कुमार के पिता रघुवीर का आरोप है कि उसके पुत्र की बुरी तरह की पिटाई की गई और चौकी इंचार्ज एम पी सिंह ने 14 हजार रूपए रिश्वत लेकर उसे छोड़ा। पुलिस चौकी से लौटने के बाद विजय शनिवार रात अपने कमरे में सोने गया और कल सुबह जब काफी देर तक उसके कमरे का दरवाजा नही खुला तो घर वालों को आशंका हुई। उन्होंने अंदर झांका तो विजय को पंखे के कुंडे से रस्सी के सहारे लटकता पाया।

1 comment:

प्रवीण पाण्डेय said...

दुर्भाग्यपूर्ण और शर्मनाक।