अब कश्मीर के भी भारत के हाथ से निकल जाने की उम्मीद लग रही है। भाजपा का कहना है कि कश्मीर भारत का अंग है। अब तक सभी भारतीय भी मानते ही रहे हैं। लेकिन अब उस पर विवाद हो गया है।
मुझे याद आ रहा है अयोध्या का मसला। अयोध्या के पड़ोसी जिला गोंडा का निवासी होने के कारण मुझे भी बचपन से थोड़ी बहुत जानकारी मिलती रहती थी। हिंदू अयोध्या के विवावित स्थल को राम जन्मभूमि मानते थे। जो ढांचा ढहाया गया उसका गुंबद मस्जिद जैसा था, लेकिन उसी के नीचे रामलला विराजमान थे। उसमें जाने के लिए एक टूटा-सा, छोटा-सा गेट था, जिसमें सरकारी ताला लगा था। वीर बहादुर सिंह जब मुख्यमंत्री थे तो उसी ताले को खोलने के लिए यात्रा निकली थी और बाद में ताला खुल गया (हालांकि राम भक्तों को ताले से कोई फर्क नहीं पड़ता था, वे बगल के टूटे रास्ते से जाकर दर्शन करते थे)। उसके बाद भारतीय जनता पार्टी ही वह राजनीतिक दल थी, जिसने व्यापक रूप से बताया कि हिंदू जिस इमारत के नीचे पूजा करते हैं और उसे मंदिर मानते हैं, वह मस्जिद है और उन्होंने उस ढांचे को तोड़ डाला।
तोड़े जाने के पहले हिंदू (जिनकी संख्या बहुत ज्यादा थी) उस ढांचे को मंदिर, मुसलमान उसे मस्जिद और कुछ जानकार (सभी धर्मों के) उसे विवादास्पद ढांचा कहते थे। लेकिन भाजपा के पुण्य प्रताप से उसे अब सब लोग मस्जिद कहते हैं। कोई नहीं कहने वाला कि भाजपा ने मंदिर तोड़ दिया या विवादास्पद ढांचा तोड़ दिया। (वैसे भी राम गरीबों के देवता हैं, कोई कारोबारी राम मंदिर के निर्माण में निवेश नहीं करता। जबसे अयोध्या के राम मंदिर में पूंजी आई है, विवाद और गहरा हुआ है)।
लेख लंबा होने के लिए माफी। लेकिन कुछ ऐसा ही दृष्य कश्मीर मसले में भी बन रहा है। अभी तक पाकिस्तान सरकार से मुर्गा-रोटी पाने पाले कुछ लोग (मुसलमान या हिंदू नहीं) लाल चौक पर पाकिस्तान या कोई अन्य झंडा फहराकर या भारत विरोधी नारे लगाकर यह दिखाने की कोशिश करते थे कि कश्मीर का लाल चौक पाकिस्तान का हिस्सा है। या ऐसे ही कुछ लोग दिखाते रहते हैं कि कश्मीर का स्वतंत्र अस्तित्व है। भारतीय जनता पार्टी भी उसी जमात के साथ खड़ी हो गई है और यह दिखाने की कोशिश कर रही है कि कश्मीर भारत का अंग है।
कोई भी भारतीय यह मानने को तैयार नहीं होगा कि कश्मीर पाकिस्तान का अंग है। अगर भाजपा को कश्मीर पर अपना आधिपत्य दिखाना ही है तो वह कश्मीर के उस हिस्से में घुसे, जिसे लेकर आम भारतीय का दिल तड़पता है, जिसे पाकिस्तान ने अवैध रूप से अपने कब्जे में ले रखा है। पाकिस्तान तो हमारी धरती (भारत के कब्जे वाले इलाके) में घुसकर लोगों से कहलाता है कि लाल चौक पाकिस्तान का है। आम लोगों को भाजपा यह दिखाने की कोशिश क्यों कर रही है कि लाल चौक भारत का हिस्सा है। वह तो है ही, वहां के आसपास के हर जिला मुख्यालयों पर शान से तिरंगा फहराया जाता है। अब तो जो लोग कश्मीर को कम जानते हैं उन्हें कुछ ऐसा लगने लगेगा कि लाल चौक भारत का अंग है ही नहीं, जैसे कि राम मंदिर को मस्जिद बताकर तोड़ा गया था।
4 comments:
दरअसल भाजपा की इस खतरनाक कोशिश के लिए तमाशा या शरारत जैसे शब्द बहुत मासूम पड़ जाते हैं। यह जाहिर तौर पर मुस्लिम बहुल कश्मीर घाटी में सांप्रदायिकता का जहर घोलने की बदनीयत ही है जो उसे ऐसा करने के लिए प्रेरित कर रही है। हर पांचवे साल चुनाव के ऐन पहले मंदिर का बुखार जिस पार्टी को पकड़ लेता हो उसकी इन हरकतों के मंसूबे भला क्या छिपेंगे?
बातों से लग रहा है कि कहीं और है।
संदीप जी, शायद भाजपा को भी पता नहीं होता कि वे कितना खतरनाक काम कर रहे हैं। शायद इसीलिए तो आडवाणी जी कई बार सार्वजनिक रूप से कह चुके हैं कि मुझे पता नहीं था कि भीड़ अयोध्या में ढांचा ढहा देगी।
प्रवीण पांडेय जी आप सही कह रहे हैं। जिस तरह से दावे-प्रतिदावे हो रहे हैं- ऐसा लगता है कि कांग्रेस विदेशी घुसपैठियों को कश्मीर में प्रवेश से हर हाल में रोकने लगी है और भाजपा दिखाने की कोशिश कर रही है कि वे अपना हक लेने के लिए पाकिस्तान पर चढ़ाई करने जा रहे हैं।
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