Wednesday, December 5, 2007

अशोक बन गए हैं बुद्धदेव

कलिंग में तबाही मचाने के बाद जिस तरह अशोक ने माफी मांग ली थी। ठीक उसी तरह बुद्धदेव भी झुक गए हैं। उन्होंने नंदीग्राम के मामले में माफी मांग ली है। उन्होंने कहा है मैं शांति चाहता हूं। नंदीग्राम को तबाह करने के बाद बुद्धदेव ने पहली बार अपनी गलती स्वीकार की है। चलो वामपंथियों में से किसी ने तो अपनी गलती स्वीकार की। कई तो अभी भी पता नहीं कौन से कोने में छिपे बैठे हैं। कंलिंग में खूनखराबा मचाने के बाद अशोक का ह्दय परिवतॆन हो गया था। उन्होंने बौद्ध धमॆ अपना लिया था। तो क्या बुद्धदेव भी बदल गए हैं। क्या वो भी अब खूनखराबे का रास्ता छोड़कर शांति के पथ पर चलना चाहते हैं। क्या वो भी अहिंसा का रास्ता अपना लेंगे। खैर देखते हैं कि बुद्धदेव कितने दिनों तक अपने का‍‍डर को काबू में रख पाते हैं।

1 comment:

Satyendra PS said...

ऐ बेहयाई तेरा आसरा है। जब सभी गरियाने लगे, ये भी कहने लगे कि गोधरा के बाद वाजपेयी ने भी खेद व्यक्त किया तो माफी मांग ली। अशोक बनने के लिए तो बुद्धदेव को अभी बहुत कुछ करना पड़ेगा।