सबकी अपनी अपनी सोच है, विचारों के इन्हीं प्रवाह में जीवन चलता रहता है ... अविरल धारा की तरह...
Sunday, December 9, 2007
दिल की नीलामी
यह दिल नीलाम होगा...
कीमत चालीस हजार डॉलर।
कीमती है ना।
वैसे तो बाजार में कितने दिल नीलाम होते हैं।
हर रोज.. हर घंटे...
पैसे की बलि वेदी पर चढ़ते हैं।
नीलामी के लिए यह दिल भी है
लेकिन अच्छे काम के लिए...
असली नहीं
चित्रकार की कल्पना है केवल।
समाज की सच्चाइयां दिखाती
नीलाम होगा।
टूटेगा नहीं।
पैसे मिलेंगे...
वह राहत पहुंचाएंगे..
उन दिलों को..
जो टूट चुके हैं एड्स की चपेट में आकर।
इसकी नीलामी होगी।
सोथवे आक्शन सेंटर पर
ब्रिटेन में नहीं, न्यूयार्क में।
आम दिन नहीं...
खास दिन।
दिल को धड़काने वाले दिन।
चौदह फरवरी के दिन।
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