Tuesday, October 30, 2007

पति भी हैं शोषण के शिकार


भले ही यह बात सुनने में अटपटी लगे कि पत्‍नी पति का शोषण करती है लेकिन आंकडों के अनुसार उत्तरप्रदेश में पत्‍नी द्वारा पति के शोषण के मामलों में बढोत्तरी हुई है।
आगरा की पारिवारिक अदालत के आंकडों पर नजर डाले जाने से यह बात उजागर हुई है कि पत्‍नी के मुकाबले पति शोषण के शिकार अधिक हैं।
शारीरिक हो या मानसिक शोषण दोनों ही तरीकों से आज की पत्‍नी, पति पर हावी रहने की कोशिश करती नजर आ रही हैं। सूत्रों के अनुसार इस अदालत में ज्यादातर पत्‍नी से परेशान पतियों के मामले सामने आते हैं। अधिकतर लोगों की शिकायत रहती है कि उनकी पत्‍नी उनका शारीरिक और मानसिक शोषण करती हैं। इन मामलों की संख्या बढ़ती जा रही है। पिछले आंकडों को देखें तो कुछ समय से पत्‍नी से आजिज पुरूष की संख्या में वृद्धि हो रही है। प्राप्त आंकडों के अनुसार वर्ष 2005 में महिलाओं के खिलाफ 550 मुकदमें दाखिल किए गए जबकि पुरूषों के खिलाफ 409 मामले ही दर्ज हुए। वर्ष 2006 में महिलाओं के खिलाफ 640 मुकदमें दाखिल किए गए जबकि महिलाओं के खिलाफ मात्र 417 मामले दर्ज हुए।इस वर्ष गत 13 जुलाई तक महिलाओं के खिलाफ 475 मुकदमें दाखिल किए गए हैं जबकि पत्‍नी को तंग करने वाले पुरूषों के खिलाफ 176 मामले ही दाखिल किए जा चुके हैं।
(साभार- जोश १८)

1 comment:

ललित said...

अब मूक 'पति' भी कुछ आवाज निकालने लगे! पत्नी के द्वारा पीड़ित पति बेचारे यह सच कहें तो उनकी ही गरिमा गिरेगी। चलिए अब इस 'लज्जा-भाव' से तो कुछ मुक्त हुए। सृष्टि के आरम्भ से ही नर नारी के नवरंग सहता आया है। 'जिसको भगवान भी समझ न पाए' उसे तो सिर्फ पूजा करके ही तो शान्त, प्रसन्न किया जा सकता है। शायद इसीलिए "यत्र नार्येस्तु पूज्यन्ते..."