सत्येन्द्र प्रताप सिंह
कारोबारी किस तरह से लोकतंत्र के साथ बलात्कार कर रहे हैं, इसका दो उदाहरण एक साथ पढ़ने को मिला. विकिलीक्स ने कहा कि अमेरिका के दबाव में मणिशंकर की जगह मुरली देवड़ा को मंत्री बनाया गया और कांग्रेस सदस्य विक्रमभाई अर्जनभाई मादम ने कहा कि केयर्न इंडिया उन्हें अंजाम भुगतने की धमकी दे रही है.
विकीलीक्स खुलासा के अनुसार अमेरिका के करीबी एक भारतीय मंत्री जनवरी 2006 में कैबिनेट में हुए फेरबदल के दो दिन बाद अमेरिकी राजदूत डेविड मलफोर्ड वॉशिंगटन से बातचीत में इस फैरबदल को अमेरिका के लिए अच्छी खबर बताते हैं। इस रिपोर्ट के मुताबिक, 'मलफोर्ड कहते हैं अय्यर का पेट्रोलियम मंत्रालय से हटना काफी अहम है। कैबिनेट में शामिल मंत्री अमेरिका के भरोसे के लोग हैं। मलफोर्ड की नज़र में अमेरिका के लिए बढ़िया मंत्री हैं- कपिल सिब्बल, आनंद शर्मा, अश्विनी कुमार और सैफुद्दीन सोज़ और मुरली देवड़ा। ईरान गैस पाइप लाइन को काम को रोकने के लिए मणि शंकर अय्यर को हटाकर बनाए गए मंत्री मुरली देवड़ा से तो अमेरिका ज्यादा ही खुश है।
अब भारत में सांसद का हाल देखिये. लोकसभा में कांग्रेस के एक सदस्य ने आरोप लगाया कि एक प्रमुख निजी तेल कंपनी के अधिकारियों ने गुजरात में उस कंपनी की एक परियोजना के खिलाफ किसानों के विरोध का नेतृत्व करने के लिए उन्हें घूस देने का प्रयास किया और उसके बाद उन्हें नतीजे भुगतने की धमकी दी। गुजरात के जामनगर से कांग्रेस सदस्य विक्रमभाई अर्जनभाई मादम ने शून्यकाल के दौरान यह मामला उठाते हुए कहा कि कारपोरेट माफिया सांसद के घर पहुंच जाते हैं और घमकी भी देते हैं।
उन्होंने केयर्न इंडिया लिमिटेड का नाम लेते हुए दावा किया कि इस कंपनी के अधिकारियों ने उन्हें दो करोड़ रूपए घूस देने की पेशकश की और कई मौकों पर धमकाया। पुलिस कहती है कि कोई मामला नहीं है और मुझे कोई संरक्षण नहीं है। उन्होंने मांग की कि उन्हें धमकी देने के मामले से जुड़े अधिकारियों को बर्खास्त किया जाए और आंदोलनरत किसानों को भूमि अधिग्रहण का पूरा भुगतान दिए जाने के बाद ही उनकी जमीन पर कंपनी के अधिकारी पैर रखें। कांग्रेस राजद और सपा के अनेक सदस्यों ने उनका समर्थन किया और उन्हें संरक्षण दिए जाने की मांग की। लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार ने कहा कि मादम ने एक पत्र उन्हें भी दिया है और यह मामला उनके विचाराधीन है। असुरक्षा को लेकर सांसद ने जो आशंका जताई है उस पर पूरा ध्यान दिया जाएगा।
ये कारोबारी कितनी ईमानदारी से काम करते है, रातों रात कैसे खरबपति बन जाते है, एकाध किताबे इन पर आ ही जाती हैं। इस लिंक से कुछ अनुमान लग सकता है। http://www.indianexpress.com/news/yarn-dyed-again/687551/
उद्योगी-पूंजीपति आज इतने प्रभावी हो गए हैं कि वो सांसदों तक को धमकी दे रहे है कि तुम जनता की आवाज उठाओगे तो मारे जाओगे. कारोबारी लोबी अपनी सुविधा के मुताबिक मंत्री बनवा देते है. राजा का मामला पहले ही सामने आ चुका है. ऐसे में भी वर्तमान लोकतंत्र में आस्था!! क्या ये लोकतंत्र जनता के लिए काम कर रहा है? बेचारे विक्रमभाई को पता ही नहीं होगा कि अगर वो सरकार से अपनी जान का गुहार करेंगे तो उनका मंत्री ही कह सकता कि इस मामले से हट जाओ, उसी कंपनी के मालिक ने मुझे मंत्री बनवाया है!!
2 comments:
सबका मूल्य लगा हुआ है, भाग्यवान हैं वो जो बिक नहीं पाते।
प्रवीन सर, पता नहीं ऐसे लोग इस व्यवस्था में कब तक न बिक कर प्रतिरोध कर पायेंगे, या कुछ दिल बाद जब इस तरह के सांसदों को टिकट कटने का भय होगा और फिर वे भी व्यवस्था का हिस्सा बन जायेंगे.
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