सत्येन्द्र प्रताप
दुनिया भी अजीब है। अमीर लोगों के शौक। पहले तो समलैंगिकों के लिए विवाह करने के लिए छूट मांगी गई और अब उनके लिए पांच सितारा होटल भी खुल गया।
कोई गरीब आदमी रोटी मांगता है, मुफ्त शिक्षा की माँग करता है, उद्योगपतियों द्वारा कब्जियाई गई जमीन के लिए मुआवजा मांगता है तो देश चाहे जो हो, उसे गोली ही खानी पड़ती है। लेकिन इन विकृत मानसिकता वालों के लिए आंदोलन चले, उनकी मांगों को माना भी गया और होटल खुला, वो भी पांच सितारा। अर्जेंटीना की राजधानी ब्यूनस-आयर्स मे समलैंगिकों के होटल खोला गया है! पांच सितारा होटल। ४८ कमरे हैं। पारदर्शी तल वाला स्विमिंग पुल है, साथ ही बार, रेस्टोरेंट भी. यह होटल शहर के सबसे पुराने इलाके san telmo मे खोला गया है।
2 comments:
दुनिया खेल तमाशा....क्या करियेगा.
प्रकृति के साथ खेलने का शौक मनुष्य का बहुत पहले से रहा है। वह कभी भी प्रकृति से संतुष्ट नहीं हो सका , इसलिए अपने दायरे में क्षमताओं के अनुरूप प्रकृति को गढ़ने का प्रयास किया है। लेकिन भूख और सेक्स पर वह काबू नहीं कर सका। ऐसे में इच्छाओं की पूर्ति के लिए प्रयास करना तो जायज लगता है, लेकिन विकृत मानसिकता के संदर्भ में यह कहां तक उचित होगा?
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