सबकी अपनी अपनी सोच है, विचारों के इन्हीं प्रवाह में जीवन चलता रहता है ... अविरल धारा की तरह...
Friday, November 23, 2007
भुखमरी
यह फोटो बहुत पुरानी है, फिर भी भेज रहा हूं क्योंकि इस फोटो को दुनियां के सामने लाने वाले फोटोग्राफर से भी दर्द सहा नहीं गया। उसने आत्महत्या कर ली। लेकिन पेश कर चुका था एक ऐसा फोटो जिससे किसी भी संवेदनशील आदमी का कलेजा बैठ जाए।
यह फोटो १९९४ में सूडान में फैली भुखमरी के दौरान लिया गया था। फोटो यूनाइटेड नेशन्स के फूड कैंप से महज़ एक किलोमीटर की दूरी पर लिया गया। एक बच्चा मरने की कगार पर है और गिद्ध इंतजार में है कि बच्चा मरे और उसे खाया जाए। इस फोटो के लिए केविन कार्टर को वर्ष १९९४ का पुलित्जर पुरस्कार दिया गया था।
दुनिया ये नहीं जानती कि उस बच्चे का क्या हस्र हुआ। फोटोग्राफर भी नहीं। यह फोटो दुनियां के सामने लाने के तीन महीने बाद ही केविन कार्टर ने आत्महत्या कर ली थी।
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2 comments:
बहुत ही मार्मिक फोटो है।सिरहन पैदा करनें वाली!!!
समझ में नहीं आता की ये दुनिया इतनी वाहियात क्यों है? आखिर क्यों कुछ लोग खाते-खाते मार रहे हैं और कुछ खाने बगैर मरने को मजबूर हैं?
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