पिछली पोस्ट में मैने लिखा था कि राजू ने तो केवल पूंजीवाद का चेहरा दिखाया है। पिछले सोमवार को डीएलएफ के सीएफओ ने अपने पास के कंपनी के एक लाख शेयर बेंच दिए। अचानक कंपनी के एक जिम्मेदार अधिकारी द्वारा शेयर बेचे जाने का कोई कारण समझ में नहीं आता। जब उस अधिकारी से कारण पूछा गया तो उसने कहा कि व्यक्तिगत कारणों से शेयर बेचे गए हैं।
आज बाजार खुलते ही डीएलएफ के शेयर गिरने लगे। भाइयों, एक बार फिर कहना पड़ रहा है कि पूंजीवाद का यही असली चेहरा है। हर तरह की बेइमानी से पैसा कमाओ। हां, मैने सत्यम को बेलआउट पैकेज दिए जाने की बात कही थी। अमेरिका ने भी उस कंपनी को बेलआउट पैकेज नहीं दिया था, जो बर्बाद होने वाली पहली कंपनी थी। लेकिन जब उसके यहां तमाम कंपनियां ताश के पत्ते की तरह भरभराकर गिरने लगीं तो पैकेज की झड़ी लगी। अब देखते जाइये कि अनिश्चितता के इस दौर में कौन-कौन से दिग्गज धराशायी होते हैं।
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