Friday, May 23, 2008

सितारों का जहां और निराले खेल


अंतरिक्ष वैज्ञानिकों को पहली बार ब्रह्मांड में एक विशाल और हजारों वर्ष पुराने तारे के महाविस्फोट के साथ ‘सुपरनोवा’ में तब्दील होने के बेहद रोमांचक दृश्यों को देखेने का मौका मिला है।नासा के ‘स्विफ्ट उपग्रह’ ने अपने एक्स-रे कैमरे के जरिए सुपरनोवा से निकलने वाले अद्भुत प्रकाश को कैद किया है।

विस्फोट से निकलने वाला यह प्रकाश हमारे सूरज के प्रकाश से 100 अरब गुना ज्यादा तेज।वैज्ञानिकों के मुताबिक आमतौर पर सुपरनोवा की ऐसी घटनाएं शताब्दी में एक या दो बार ही होती हैं।दरअसल, नासा ने 9 जनवरी को आकाश गंगा में तकरीबन खत्म हो रहे एक तारे का पता लगाने के लिए यह उपग्रह भेजा था, लेकिन इसी दौरान इसी आकाश गंगा में एक अन्य बेहद पुराने तारे में विस्फोट होने लगा और उपग्रह को एक बेहद रोमांचक घटना की तस्वीरें उतारने का मौका अनायास की हाथ लग गया।

वैज्ञानिकों के मुताबिक आमतौर पर किसी तारे में विस्फोट की घटना की जानकारी चार या पांच दिन बाद ही मिल पाती है, लेकिन पहली बार मौके पर इस घटना की तस्वीरें खींची जा सकी हैं।अमेरिका के प्रिंस्टन विश्वविद्यालय में खगोल भौतिकी की विशेषज्ञ अलीशिया सोडरबर्ग ने इसपर कहा, “यह खगोलविज्ञान के क्षेत्र में एक लॉटरी निकलने जैसा था”।एक अन्य वैज्ञानिक फ्लिपेन्कों ने कहा यह घटना एक तारे की मौत के साथ उसके नए जन्म की कहानी भी कहती है। ब्रह्मांड में मात्र एक फीसदी तारों को ऐसी मौत नसीब होती है जब उनके मरने के साथ उनके जन्म की प्रक्रिया का भी आगाज होता है।
साभारः वार्ता

3 comments:

कुश said...

इतनी बढ़िया जानकारी यहा बाँटने के लिए धन्यवाद..

दिनेशराय द्विवेदी said...

जीवन तो अक्षुण्ण है, उस की इबारत तो मृत्यु के पहले ही लिख दी जाती है।

Udan Tashtari said...

ज्ञानवर्धन एवं रोचक जानकारी के लिए आभार.